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प्रस्तुतिकर्ण – श्री बसवराज भूति, हिन्द संपनमूल
(संसाधन) शिक्षक, कित्तुरु राणी चेन्नम्म आवासनीय शाला, शाहपुर जी. यादगीरी मोबाइल
संख्या. 9900804567 |
पाठ – 1. पार्थना (कवित) ·
वारना - न्योछावर
करना, समर्पित करना ; ಅರ್ಪಣೆ. ·
मति – बुद्धि, ತಿಳುವಳಿಕೆ ·
बिसराना – भुला
देना, ಮರೆತು ಬಿಡುವುದು. ·
तुरत – तुरंत, जल्दी ; ಬೇಗನೆ ·
मान – मर्यादा; ಮರ್ಯಾದೆ ·
शोक – दु:ख, ದು:ಖ ·
अपमान – तिरस्कार, अनादार, ಅವಮಾನ, ·
निज भाषा –
अपनिभाषा, ಮಾತೃಭಾಷೆ. |
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प्रिया छात्रों…! हम आज आठवीं कक्षा के पहला अद्याय
“प्रार्थना”
पाठ को हम यहा देखेंगे| इस पाठ को पढ़ने से पहले इस कविता में आने वाले कई
कठिण शब्दों को हमें यहां देखेंगे| सारांश :- तो
बच्चों आज हमने प्रार्थना कविता को पढ़कर, इसके
सारांश को हम देखेंगे| कवि का नाम यहां नहीं दिया गया
है| यानी यहां कविता को ‘संकलित’ किया गया है| ‘संकलित’ का मतलब है| कई से, कई
किताब से लिया हुआ, इस कविता को आठवीं कक्षा के लिए दिया गया है| कवि
का आशय इस तरह है कि - मनुष्य के जीवन में सद्भाव का प्रधान स्थान है| सद्भाव - इसका मतलब होते हैं - अच्छे विचार को अपनाना, अच्छे गुणों को अपनाना, मनुष्य जीवन में, हमारे जीवन में हमें हमेशा
अच्छे विचार, अच्छे गुणों को अपनाकर जीना चाहिए| यहां हमारे लिए सद्भावना हमारे जिंदगी में प्रधान स्थान है| मुख्य स्थान है|
छोटे बड़े का भेदभाव ना रखते हुए सब के साथ मिलकर रहना चाहिए| छोटा-बड़ा
अमीर-गरीब गोरा-काला इस तरह के भेदभाव को हमने छोड़ कर भारत में कितना लोग है, सभी मिलजुल कर भाई भाई के नाते से हमें रहना चाहिए| किसी का अपमान नहीं करना चाहिए| किसी को भी देखकर
अपमान (अपमान का मतलब है अवहेलन, तिरस्कार हंसीमजाक) हंसी
मजाक नहीं करना चाहिए| इंकार कर किसी से बातचीत नहीं करना चाहिए|
और अपने देश के प्रति अभिमान रखना चाहिए| और हम सब भारत के निवासी है
हमारे देश भारत है| इस भारत के प्रति हम ने मान रखना चाहिए|| गौर रखना चाहिए| इस देश को मर्यादा देने के लिए हम
सब लोग मिलजुल कर काम करना चाहिए| |
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ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ ಮಕ್ಕಳೇ…! ನಾವು ಪ್ರಾರ್ಥನಾ ಕವಿತೆಯ ಸಾರಾಂಶವನ್ನು
ನೋಡೋಣ. ಈ ಪ್ರಾರ್ಥನಾ ಪಧ್ಯದ ಕವಿಯ ಹೆಸರು ಇಲ್ಲಿ ನೀಡಿಲ್ಲ. ಈ ಕವಿತೆಯು ಸಂಕಲಿತ
ಪದ್ಯವಾಗಿದೆ. “ಸಂಕಲಿತ” ಎಂದರೆ ಬೇರೆ ಯಾವುದೂ ಪುಸ್ತಕದಿಂದ ಆಯ್ದು 8 ನೇ ತರಗತಿಯ ಪಾಠಕ್ಕೆ ಹಚ್ಚಿರುವುದು ಎಂದರ್ಥ. ಕವಿಯ ಆಶಯ
ಹೀಗಿದೆ- ಮನುಷ್ಯನ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಸದ್ಭಾವನೆಗೆ ಪ್ರಧಾನ ಸ್ಥಾನವಿದೆ. ‘ಸದ್ಭಾವ’ ಇದರ ಅರ್ಥ
ಒಳ್ಳೆಯ ವಿಚಾರ, ಒಳ್ಳೆಯ ಗುಣಗಳನ್ನು ನಮ್ಮದಾಗಿಸಿಕೊಳ್ಳುವುದು.
ಮನುಷ್ಯ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಯಾವಾಗಲೂ ಒಳ್ಳೆಯದನ್ನೇ ವಿಚಾರ ಮಾಡುಬೇಕು, ಒಳ್ಳೆಯ ಗುಣಗಳನ್ನು ಅಳವಡಿಸಿಕೊಂಡು ಬದುಕಬೇಕು. ಸದ್ಭಾವನೆ
ಅನ್ನೋದು ಮನುಷ್ಯನ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಪ್ರಮುಖವಾದ ಸ್ಥಾನವಾಗಿದೆ. ದೊಡ್ಡವರು, ಸಣ್ಣವರು, ಎಂಬ
ಭೇದ-ಭಾವ ಮಾಡದೇ ಎಲ್ಲರೂ ಜೊತೆ ಸೇರಿ ಬದುಕಬೇಕು. ದೊಡ್ಡವ – ಸಣ್ಣವ,
ಶ್ರೀಮಂತ-ಬಡವ,
ಬಿಳಿ-ಕರಿಯಾ ಎನ್ನುವ ಭೇದ-ಭಾವಗಳನ್ನು ಮರೆತು, ಭಾರತ ದೇಶದಲ್ಲಿರುವ ಎಲ್ಲಾ ಜನರು ಒಂದೇ ಎಂಬ ಭಾವನೆಯಿಂದ, ಅಣ್ಣ-ತಮ್ಮ ಸಹೋದರ
ಸಂಬಂಧದಂತೆ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಕೂಡಿ ಬದುಕಬೇಕು. ಯಾರಿಗೂ ಕೂಡ
ನಾವು ಅವಹೇಳನ ಅಪಮಾನ ತಿರಸ್ಕಾರ ನಗೆಚಟಾಕಿ ಮಾಡಬಾರದು. ತಿರಸ್ಕಾರ ಭಾವದಿಂದ ಯಾರಿಗೂ
ಮಾತನಾಡಬಾರದು. ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಭಾರತ ವಾಸಿಗಳು. ನಮ್ಮ ದೇಶದ ಮೇಲೆ ನಮಗೆ ಪ್ರೀತಿ ಗೌರವ ಇರಬೇಕು.
ಈ ದೇಶದ ಗೌರವ ಉಳಿಸುವುದಕ್ಕೋಸ್ಕರ ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಕೂಡಿ ಕೆಲಸವನ್ನು ಮಾಡಬೇಕು. |
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Ø ಪಧ್ಯದ ವಿವರಣೆ |
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सच बोले सच बात विचारें | भले काम पर जीवन वारें || मिलकर रहें, नियम अपनाए | बीती बातों को बिसराएँ |
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सच बोले- सच
का
मतलब होते हैं सत्या -
हमें हमेशा सत्य ही बोलना चाहिए| कभी भी झूठ
नहीं बोलना चाहिए| क्योंकि, अगर हम लोग एक बार झूठ बोले तो इस झूठ को
बचाने के लिए, और एकजुट को बोलना पड़ता है| इसलिए हम हमेशा सच ही बोलना चाहिए| |
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ನಾವೆಲ್ಲರೂ
ಸತ್ಯವನ್ನೇ ಮಾತಾಡಬೇಕು. ಎಂದು ಸುಳ್ಳು ಮಾತನಾಡಬಾರದು. ಯಾಕೆಂದರೆ? ನಾವು ಪದೇಪದೇ ಸುಳ್ಳನ್ನು ಹೇಳುತ್ತಿದ್ದರೆ ಸುಳ್ಳನ್ನು ಮುಚ್ಚಿಡಲು
ಮತ್ತೊಂದು ಸುಳ್ಳು ಹೇಳಬೇಕಾಗುತ್ತದೆ. ಆದ್ದರಿಂದ ನಾವು ಯಾವಾಗಲೂ ಸತ್ಯವನ್ನೇ ನುಡಿಯಬೇಕು. |
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सच बात विचारें –
जो भी हम दूसरों से बातें करते
हैं| बर्तन करते हैं| तो विचार कर के सत्य को परख कर
सत्य की बात हमें करना चाहिए| |
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ಯಾವಾಗಲೂ ನಾವು
ಬೇರೆಯವರೊಂದಿಗೆ ಮಾತನಾಡ ಬೇಕಾದರೆ. ವ್ಯವಹರಿಸ ಬೇಕಾದರೆ, ಬಹಳಷ್ಟು ವಿಚಾರವನ್ನು ಮಾಡಿ, ಸತ್ಯವನ್ನು ಅರಿತು, ಪ್ರಮಾಣಿಸಿ ಮಾತಾಡಬೇಕು. |
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भले काम पर जीवन वारे-
भले काम का मतलब है अच्छा काम अच्छा काम को करना चाहिए| |
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ನಾವು ಒಳ್ಳೆಯ
ಕೆಲಸಗಳನ್ನು ಮಾಡಬೇಕು. ಒಳ್ಳೆಯ ಕೆಲಸಕ್ಕಾಗಿ ನಮ್ಮ ಜೀವನವನ್ನು ಸಮರ್ಪಿಸಬೇಕು. |
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भले काम पर जीवन वारे-
भले काम का मतलब है अच्छा काम अच्छा काम को करना चाहिए| |
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ನಾವು ಒಳ್ಳೆಯ
ಕೆಲಸಗಳನ್ನು ಮಾಡಬೇಕು. ಒಳ್ಳೆಯ ಕೆಲಸಕ್ಕಾಗಿ ನಮ್ಮ ಜೀವನವನ್ನು ಸಮರ್ಪಿಸಬೇಕು. |
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मिल कर रहे- यहां पर अनेक धर्म के लोग यहां
रहते हैं| इसलिए हमें इस देश में मिलजुल
कर रहना चाहिए| यानी तुम कहां भी हो,
इस परिसर में हम मिलकर रहना चाहिए|
आपकी कक्षाओं में आप सहपाठियों के साथ स्नेहा भाव से रहना
चाहिए| |
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ನಮ್ಮ
ದೇಶದಲ್ಲಿ ಅನೇಕ ಧರ್ಮದ ಜನರೊಂದಿಗೆ ವಾಸಿಸುತ್ತೇವೆ. ಆದ್ದರಿಂದ ನಾವು ಎಲ್ಲಾ ಧರ್ಮದವರೊಂದಿಗೆ
ಅಣ್ಣತಮ್ಮ ರಂತೆ ಕೂಡಿ ಬದುಕಬೇಕು. ಅದೇ ರೀತಿಯಾಗಿ ನಿಮ್ಮ ತರಗತಿಯಲ್ಲಿ ನಿಮ್ಮ
ಸಹಪಾಠಿಗಳೊಂದಿಗೆ ಕೂಡಿಕೊಂಡು ಸ್ನೇಹಭಾವದೊಂದಿಗೆ ಬದುಕಬೇಕು. |
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नियम अपनाएं-
हमारे देश के हमारे कक्षा के
रूल्स एंड रेगुलेशन जो है वहां हम पालन करना चाहिए| |
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ನಮ್ಮ ದೇಶದ, ಹಾಗೂ ನಮ್ಮ ಶಾಲೆಯ ನಿಯಮಗಳನ್ನು ನಾವು ಚಾಚು ತಪ್ಪದೇ ಪಾಲಿಸಬೇಕು. |
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बीती बातों को बिसराई- कल जो बीत गया था उसे भूल कर
खुशी से रहना चाहिए| |
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ನಿನ್ನೆಯ
ಕಹಿಘಟನೆ ಘಟನೆಗಳನ್ನೆಲ್ಲ ಮರೆತು ಇಂದು ಖುಷಿಯಿಂದ ಇರಬೇಕು. |
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छोटे-बड़े सबी मिल जाएँ | गिरे हुये को तुरंत उठाएँ || करें किसि का न अपमान | ऐसी मति दो भगवान || |
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छोटे बड़े सभी मिल जाए-
यहां पर जो अमीर हो, गरीब हो, छोटा-बड़ा गोरा-काला सब मिलकर यहां रहना चाहिए| |
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ಇಲ್ಲಿ
ಶ್ರೀಮಂತರೇ ಆಗಿರಲಿ,
ಬಡವರಿಗೆ ಆಗಿರಲಿ, ಸಣ್ಣವರ ಇರಲಿ, ದೊಡ್ಡವರೇ ಇರಲಿ, ಬಿಳಿಯ - ಕರಿಯರೇ ಇರಲಿ. ಎಲ್ಲರೊಂದಿಗೆ ಕೂಡಿ ಬದುಕಬೇಕು. |
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गिरे हुए को तुरंत उठाएँ
–
यानी जो कष्ट में रहता है जिसको
आपने सहायहस्त देखकर उनको उठाना चाहिए| |
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ಯಾರು
ಕಷ್ಟದಲ್ಲಿರುವವರು ಅಂತವರಿಗೆ ನಮ್ಮ ಸಹಾಯ ಹಸ್ತವನ್ನು ಚಾಚಿ, ಅವರಿಗೆ ನಾವು ಮೇಲೆತ್ತಿ ಕೊಳ್ಳಬೇಕು. |
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करें किसि का न अपमान- किसी को भी तिरस्कार दृष्टि से ना
देखें अवमान ना करें हंसी मजाक ना करें यहां पर कवि ने इस तरह बता रही है| |
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ಯಾರಿಗೂ ನಾವು
ತಿರಸ್ಕಾರದಿಂದ ನೋಡಬಾರದು,
ಎಂದಿಗೂ ಯಾರನ್ನೂ ಅಪಮಾನ ಮಾಡಬಾರದು, ನಗೆ ಚಟಾಕಿ ಮಾಡಿ ಯಾರ ಮನಸ್ಸು ನೋಯಿಸಬಾರದು ಎಂದು ಕವಿ
ಹೇಳುತ್ತಾನೆ. |
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ऐसी मति दो भगवान – कि तुम्हें हर दिन भी प्रार्थना
करना चाहते हैं| हे… भगवान हमें… ऐसी मति दो (मति =
बुद्धि) ऐसी बुद्धि दो |
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ದೇವರನ್ನು
ಪ್ರಾರ್ಥನಿಸುತ್ತ,
ಇಂತಹ ಬುದ್ಧಿಯನ್ನು ಕೊಡಲು ಕವಿ ದೇವರಲ್ಲಿ ಬೇಡಿಕೊಳ್ಳುತ್ತೇನೆ.
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एक रहें सद्भाव रखें हम | देश-देश में मान रखें हम || हठ छोड़ो, संयम अपनाएँ | मातृभूमि पर बलि-बलि जाएँ || |
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एक रहें सद्भाव रखें हम
– यहां पर हिंदू, मुस्लिम, सिख,
ईसाई, अनेक धर्म के लोग हैं| |
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ಹಿಂದೂ, ಮುಸ್ಲಿಂ, ಕ್ರಿಶ್ಚಿಯನ್, ನಾವೇಲ್ಲರು ಒಂದೆ ಎನ್ನುವ ಸದ್ಭಾವನೆ ಇರಬೇಕು. |
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देश-देश में मान रखें
हम –
फिर भी सब मिलजुल कर भारत में
सद्भाव रखे हैं| अच्छे गुणों का अपना न कर इस तरह भारत के निवासी रहते हैं| जिस राष्ट्र भावनाओं को देखकर दूसरे देश के लोग भी यहां सीखना चाहिए |
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ನಮ್ಮ ದೇಶದ
ಮೇಲೆ ಪ್ರೀತಿ ಇರಬೇಕು. ನಾವೆಲ್ಲರೂ ಭಾರತಮಾತೆಯನ್ನು
ಗೌರವಿಸಬೇಕು, ನಮ್ಮ ದೇಶ ಭಕ್ತಿ ನೋಡಿ,
ಬೇರೆ ದೇಶದ ಜನರು ಇದನ್ನು ನೋಡಿ ಕಲಿಯಬೇಕು,
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हठ छोड़ो, संयम अपनाएँ – ( हठ = जिद्द
) हमें बातों बातों पर जिद नहीं करना चाहिए! संयम अपनाएं- शांति सहना को हमारे जीवन में
अपनाना चाहिए| |
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ಹಿರಿಯರ
ಮಾತನ್ನು ಗೌರವಿಸಬೇಕು,
ಮಾತುಮಾತಿಗೆ ಎಂದು ಜಿದ್ದು, ಹಠ ಮಾಡದೆ, ಶಾಂತಿ ಸಹನೆಯನ್ನು ನಮ್ಮ ಜೀವನದಲ್ಲಿ ಅಳವಡಿಸಿಕೊಳ್ಳಬೇಕು. |
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मातृभूमि पर बलि-बलि
जाएँ – सबसे पहले हमें मातृभूमि का रक्षा
करना चाहिए यहां एक संस्कृत श्लोक याद आता है की “जननी जन्मभूमि च स्वर्गादपि
गरीयसी”- जन्म देने वाली मां और
मातृभूमि दोनों स्वर्ग से बढ़कर होते हैं इसी कारण से मातृभूमि का रक्षण करने के
लिए जान देने का मौका मिले तो हमें पीछे नहीं हट कर मातृभूमि की रक्षा करना
चाहिए
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ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ಕಷ್ಟದ
ಸಮಯದಲ್ಲಿ ನಾವು ಅವಳ ರಕ್ಷಣೆಗೆ ಮುಂದಾಗಬೇಕು. ಸಂಸ್ಕೃತ ಶ್ಲೋಕ ಹೆಳುತ್ತದೆ. "ಜನನಿ ಜನ್ಮಭೂಮಿಶ್ಚ ಸ್ವರ್ಗದಪಿ
ಗರಿಯಸಿ" ಎಂದರೆ ಜನ್ಮ ಕೊಟ್ಟ ತಾಯಿ, ನಮ್ಮನ್ನು ಹೊತ್ತ ಭೂಮಿ ಇಬ್ಬರು ಸ್ವರ್ಗಕ್ಕಿಂತ ಮಿಗಿಲು. ಇದೇ
ಕಾರಣದಿಂದ ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ರಕ್ಷಣೆ ಮಾಡುವುದು ನಮ್ಮೆಲ್ಲರ ಕರ್ತವ್ಯಯಾಗಿದೆ. ಅಂತಹ ಅವಕಾಶವನ್ನು
ಸಿಕ್ಕಾಗ ನಾವು ಹಿಂದೆ ಮುಂದೆ ನೋಡದೆ ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ರಕ್ಷಣೆಗಾಗಿ ನಿಲ್ಲಬೇಕು. |
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए। |
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III. तुकवाले शब्द लिखिए: |
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1. 'बीती बातें' - इसका क्या मतलब
है? उत्तर:- गुजरी हुई, बीती बात को भूल जाना। 2. हम कैसे रहना चाहिए? उत्तर:- हमें सबके साथ मिल - जुल
कर रहना चाहिए। 3. हठ छोड़कर हमें किसी
अपनाना चाहिए? उत्तर:- हठ छोड़कर हमें सद्भावना
के नियमों को अपनाना चाहिए। 4. छोटे बड़ों को मिलकर
क्या करना चाहिए? उत्तर:- छोटे - बड़ों को मिलकर
गिरे हुए को,
तुरंत उठाना चाहिए। 5. हमें किस पर बलि -
बलि जाना चाहिए? उत्तर:-हमें मातृभूमि पर बलि -
बलि जाना चाहिए। 6. भगवान से हमें क्या
मांगना चाहिए? उत्तर:- भगवान से सद्बुद्धि और वे
किसी का अपमान ना करें ऐसी मति देने की मांगना चाहिए। |
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1. विचारों – जीवनवारें 2. उठाएं - मिल जाएं 3. अपमान – भगवान |
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IV.
पद्य भाग पूर्ण कीजिए: |
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मिलकर
रहें, नियम अपनाए | बीती
बातों को बिसराएँ | छोटे-बड़े
सबी मिल जाएँ | गिरे
हुये को तुरंत
उठाएँ || |
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V. खाली जगह भरिए: |
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1. भले काम पर........ 2. बीती
भातों को ........ 3. एक रहें
........ रखें हम 4. हठ
छोड़ो,
........ अपनाएं
उत्तर:- जीवन वारें, भिसराएं, सद्भाव, संयम |
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II. दो तीन वाक्य में उत्तर लिखिए। |
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1. "एक रहे सद्भाव
रखे हम"- इस पर आप क्या सोचते हैं? उत्तर:- बिना बिना धर्म
रीति-रिवाजों को मानने वाले लोगों के साथ प्रेम से रहना चाहिए विविधता में एकता
ही हमारे देश की पहचान है बिना सद्भाव के यहां देश एक नहीं रह सकता। इसलिए आपसी
सद्भाव जरूरी है। 2. "गिरे हुए को
तुरंत उठाए" - ' गिरे हुएं ' अर्थ है। उसे कैसे
उठाना चाहिए? उत्तर:- समाज में बहुत से लोग
पिछड़ जाते हैं विकास यात्रा में पीछे रह जाते हैं हमें उसकी सहायता करनी चाहिए।
निर्मला लोगों की मदद करना हमारा
कर्तव्य होना चाहिए। यही गिरे
हुए का अर्थ है। उसकी सहायता कर के ऊपर उठना चाहिए। 3. 'हठ छोड़ो संयम अपनाएँ' - इस वाक्य
से क्या अर्थ प्रकट होता है? उत्तर:- छोटी-छोटी बातों के लिए
झगड़ा नहीं करना चाहिए। हठ करने से किसी
भी समस्या का समाधान नहीं निकलता है। पल स्वरूप समाज में द्वेष भावना बढ़ते हैं।
इसलिए हमें संयम रखना चाहिए।
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पाठ – 2. मिर्च मसाला
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ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ |
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Ø कठीण शब्दार्थ :- |
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ಒಂದು ದಿನ ಸಂಜೆ ಬೋಲು
ಅಂಗಳದಲ್ಲಿ ಕುಳಿತು ಹಾಲು ಕುಡಿಯುತ್ತಿದ್ದ. ಅವನಿಗೆ
ಶೀತ ಬಂತು, ಹಾಲಿನ ಲೋಟ ಕೈಯಿಂದ ಕಸುರಿತು. ಸ್ವಲ್ಪ ಹಾಲು ಬಾಯಿಂದ
ಹಾಯ್ದು ಭೂಮಿಯ ಮೇಲೆ ಚೆಲ್ಲಿ ಹರಡಿತು.
ಚೆಲ್ಲಿದ ಹಾಲಿನಲ್ಲಿ ಅವನಿಗೆ ಎರಡು ಪುಚ್ಚಗಳು ಕಂಡವು. ಅವನು ಭಯಗೊಂಡ. ತನ್ನ ಹೆಂಡತಿ
ಹೀರಾಳಿಗೆ ಕರೆದು ಹೇಳಿದ, - 'ನೋಡು,
ನೀನು ಯಾರಿಗೂ ಹೇಳಲ್ಲ
ಅಂತಾದರೆ, ನಿನಗೆ ಒಂದು ಮಾತು ಹೇಳುವೆ.' 'ಕಾಣೆಯಾಗಲು ಯಾರಿಗೂ ಹೇಳುವುದಿಲ್ಲ' - ಎಂದು ಹೆಂಡತಿ ಹೇಳಿದಳು. ಬೋಲೂ ಹಾಲಿನಲ್ಲಿ ಪುಚ್ಚಗಳು
ಕಾಣಿಸಿದ ವಿಷಯ ಹೇಳಿದ. ಹೀರಾಳಿಗೆ ಈ ಮಾತು
ಸಹಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ಆಗಲಿಲ್ಲ. ಅವಳ ಹೊಟ್ಟೆ ಒಬ್ಬ ತೊಡಗಿತ್ತು. ತಮ್ಮ ನೆರೆಹೊರೆಯ ಚಂಪಾಳಿಗೆ
ಹೇಳಿದಳು - 'ಒಂದು ರಹಸ್ಯವಾದ ಮಾತು ಇದೆ. ನಿನಗೆ ಗೊತ್ತಿದೆಯಾ ಎಂದು
ಏನಾಯಿತು ಎಂದು? ಅವನ ಬಾಯಿಂದ ಪಾರಿವಾಳದ ಪುಚ್ಚಗಳು ಬಂದವು. ಬಹಳಷ್ಟು..!
ನನಗೆ ಚಿಂತೆಯಾಗುತ್ತದೆ. ಆದರೆ ಯಾರಿಗೂ ಹೇಳಬೇಡ.'
ಚಂಪಾ ಹೇಳಿದಳು - 'ನೀನು ಯಾರಿಗೂ ಹೇಳಬೇಡ. ಜನರು ಈ ಮಾತನ್ನು ತಿರುವು-ಮುರುವು
ಮಾಡಿಬಿಡುತ್ತಾರೆ.' ಚಂಪಾಳಿಗೆ
ಸುಮ್ಮನಿರಲಾಗಲಿಲ್ಲ. ಅವಳಿಗೆ ಅನಿಸಿತು ನಾನು ಈ ಮಾತನ್ನು ಯಾರಿಗಾದರೂ ಹೇಳದೆ ಹೋದರೆ, ನನ್ನ ಹೊಟ್ಟೆ ಒಡೆದು ಹೋಗುತ್ತದೆ ಎಂದು. ತನ್ನ ಗೆಳತಿ
ತಮಿಳಿಗೆ ನೋಡುತ್ತಲೇ ಎಲ್ಲಾ ವಿಷಯ ಒದರಿ ಬಿಟ್ಟಳು.
ಹೇಳುವ ಮೊದಲು ಚಮೆಲಿಯೊಂದಿಗೆ ಭರವಸೆ ಪಡೆದು ಹೇಳಿದಳು - ' ನೋಡು ಬೋಲುಗೆ ಎಂದು ಸೀತ ಬಂದಿತ್ತು. ಅವನ ಬಾಯಿಂದ ಒಂದು ಪೂರ್ಣ ಪಾರಿವಾಳ ಹೊರಗೆ ಬಂತು.' ಚಮೆಲಿಗೆ ವಿಶ್ವಾಸ ಬರಲಿಲ್ಲ. 'ಪೂರ ಪಾರಿವಾಳ...! ಪಾರಿವಾಳ ಇಷ್ಟು ದೊಡ್ಡ ಪಕ್ಷಿ, ತಿಂದಿರಬೇಕು ಹೆಂಗ' ಎಂದಳು ಎಂದಳು. ಸ್ವಲ್ಪ ಸಮಯದ ನಂತರ ಯಾರೋ
ನೆರೆಹೊರೆಯವರು ಕೇಳಿದರು, ಬೋಲುನ ಬಾಯಿಂದ ಗುಂಪು ಗುಂಪು ಪಾರಿವಾಳ, ಕಾಗೆ,
ಗುಬ್ಬಚ್ಚಿ, ಕೋಳಿಗಳು ಮುಂತಾದವು ಬರುತ್ತೇವೆ. ಎಂದು. ಊರಿನ ಎಲ್ಲಾ ಕಡೆ ಸುದ್ದಿ ಹಬ್ಬಿತ್ತು. ಬೇರೆ
ಬೇರೆ ಆಕಾರದ ಬಣ್ಣ ಬಣ್ಣದ ಪಕ್ಷಿಗಳು ವಿದೇಶಿ ಪಕ್ಷಿಗಳು ಬೋಲುನ ಬಾಯಿಂದ ಹೊರ ಬರುತ್ತಿವೆ
ಎಂದು. ಮತ್ತು ಈ ಪಕ್ಷಿಗಳಿಂದ ಆಕಾಶವೇ ತುಂಬಿಹೋಗಿದೆ. ಸಾಸಿವೆಯ ಪರ್ವತ ಕಡ್ಡಿ ಹೋಗಿ ಗುಡ್
ಗುಡ್ಡ ಮಾಡಿದಂತೆ. ಈ ಚಮತ್ಕಾರವನ್ನು ನೋಡಲು, ದೂರ ದೂರದಿಂದ ಜನರು ಬರತೊಡಗಿದರು. ಅಮಾಯಕ ಬೋಲು ಭಯಭೀತನಾಗಿ
ಒಂದು ಗಿಡದ ಮೇಲೆ ಹತ್ತಿ ಬಚ್ಚಿಟ್ಟುಕೊಂಡ. ಸ್ವಲ್ಪ ಸಮಯದ ನಂತರ ಎಲ್ಲರೂ ಅವನನ್ನು ಹುಡುಕಿ
ತೆಗೆದರು. ಅವನ ಗಾಬರಿ ನೋಡಿ ಜನರು ತಿಳಿದುಕೊಂಡರು ಯಾವುದೇ ರಹಶ್ಯವನ್ನು ಹೇಳುವ ಮೊದಲು ಹತ್ತು
ಬಾರಿ ಯೋಚಿಸಬೇಕೆಂದು. |
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कसम
– शपथ, ಆಣೆ ·
बात
को पचाना - किसी बात को छिपा, ಮಾತು ಮುಚ್ಚಿಡುವದು. ·
पेट
फूलना – किसी बात को कहने के लिए उतूस्क होना, ಹೊಟ್ಟೆ ಉಬ್ಬು, ಯಾರಿಗಾದರು
ಹೇಳಲು ಕಾತರಿಸು. ·
राज़
– रहस्या, ರಹಶ್ಯ ·
पेट
फटना – पेट मे बहुत पीड़ा होना, ಹೊಟ್ಟೆ ಒಡೆದೋಗು, ಹೊಟ್ಟೆಯಲ್ಲಿ
ಸಂಕಟವಾಗು, ·
बात
उगलना – ರಹಸ್ಯ ಬಯಲಾಗು, ·
गोरैया
– ಗುಬ್ಬಚ್ಚಿ, ·
खबर-
ಸುದ್ದಿ III. विलोम शब्द - 1. जाना ×आना 2. बहुत × कम 3. विश्वास × अविश्वास 4. बड़ा × छोटा 5. गांव × शहर 6. विदेश
× देश III. अन्य वचन रूप 1. पंख
- पंख 2. घर
- घर 3. पेट
- पेट 4. लोग
- लोग 5. कबूतर - कबूतर 6. पक्षी
पक्षीयां 7. पेड़
- पेड़ 8. गांव
- गांव उदा: कौआ
- कौए-कौवा 1. गोरैया
- गोरैये 2. मुर्गा
- मुर्ग 3. बेचारा - बेचाराएं 4. वादा
- वादे सूचना : कुछ शब्द सदैव एकवचन में
प्रयुक्त होते है | जैसे – पानी, वायु, अग्नि, भूमि, आकाश आदि| |
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I. एक
वाक्य में उत्तर लिखिए। |
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1.
एक दिन बोलूं क्या कर रहा था? उत्तर:- एक दिन शाम को बोलो आंगन
में बैठकर दूध पी रहा था। 2.
दूध कहां पैल गया? उत्तर:- दूध जमीन पर पैर गया। 3.
दूध में उसको क्या दिखाई दिये? उत्तर:- दूध में उसको दो पंख
दिखाई दिये। 4.
हीरा किसे ना पचा पाई? उत्तर:- बोलू ने दूध में पंख की
बात बता दी, हीरा
इस बात को पचा न पायी। 5.
चंपा ने किस को देखते ही इशारे बातें उगल दी? उत्तर:- चंपा ने अपनी सहेली चमेली
को देखते ही उसने सारी बात उगल दी। 6.
चमेली ने चंपा से क्या कहा? उत्तर:- चमेली ने चंपा से पूरा
कबूतर। कबूतर तो इतना बड़ा पक्षी है। काया कैसे होगा? कहां। 7.
दूर-दूर से लोग क्यों आने लगे उत्तर:- यहां चमत्कार देखने के
लिए दूर-दूर से लोग आने लगे। 8.
बेचारा बोलूं ने भयभीत होकर क्या किया? उत्तर:- बेचारा बोलो ने भयभीत
होकर किसी एक पेड़ पर छिप गया था। |
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II. दो
- तीन वाक्य में उत्तर लिखिए। |
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1.
बोलो क्यों घबरा गया? उत्तर:- एक दिन शाम को बोलो आंगन
में बैठकर दूध पी रहा था। खांसी आयी, दूध
का लोटा लुढ़क गया तथा थोड़ा सा दूध
मुंह से निकल कर जमीन पर पैल गया। फैले बुध में उसे दो पंख दिखाई दिए। वह घबरा
गया। 2.
हीरा ने चंपा से क्या कहा? उत्तर:- हीरा ने चंपा से कहा- एक
राज की बात है। जानती हो आज क्या हुआ। उनके मुंह से कबूतर के पंख निकले बहुत
सारे मुझे चिंता हो रही हैं। पर किसी से मत कहना। 3.
चमेली से चंपा ने भोलू के बारे में क्या कहा? उत्तर:- चंपा में चमेली से कहा कि
आज भोलू जी के खांसी आई और उसके मुंह से एक पूरा कबूतर निकला। कहा ने से पहले
उसने चमेली से वादा करवा लिया। कि वहां किसी से यहां बात नहीं कहेगी। 4.
शाम तक गांव में कौन सी खबर गायी? उत्तर:- शाम तक गांव में खबर फैल गई कि भोलू
के मुंह से झुण्ड के झुंड कबूतर, कौआ, गौरैया, मुर्गे, यहां तक कि कई आकर रंगीन पक्षी
विदेशी के पक्षी भी निकल रहे हैं। और इन पक्षियों से आकाश भर गया है।
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V. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए |
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1. भोलु ने अपनी पत्नी
............ से कहा| 2. भोलु ने ............. में पंख
की बात बता दी | 3. हीरा का पेट .......... लगा | 4. लोग बात का ........... बना
देंगे | 5. चंपा ने अपनी सहेली
........... से सारी बात उगल दी| 6. गाँव खबर फैल गयी की पक्षियों
से ............ भर गया| उत्तर :- 1. हीरा 2. दूध 3. फूलने 4. बंतगड़ 5. चमेली 6. आकाश
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VI.
इन पक्षियों के नाम कन्नड अथवा अंग्रेजी मे लिखिए : |
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VI. इन वाक्यों में छिपी पक्षियों के नाम ढूंढ कर लिखिए| अब
तो ताजा पल कालो तो ता जा पलका लो तोता 1. तुमको यलहंका
जाना होगा = कोयल 2. जब गुलाब
देखती हूं तब खुशी होती हैं बगुला = बगुला 3. तुम
मुर्गा लगी में घूमो रमेश = मोर
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VIII. निवास स्थानों को जानिए आदमी –
घर, मकान पक्षी
– घोंसला बकरी
- बाड़ घोड़ा
– अस्तस्थल, घुड़साल चूहा
– बिल सांप – बाँबी सिंह –
गुफा
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IX. सार्थक वाक्य बनाइए 1. कहूंगी
कसम नहीं से किसी से। कसम से किसी से नहीं कहूंगी। 2. दया
न से रहा चंपा। चंपा से रहा न गया। 3. आज
आयी खांसी को भोलुजी। भोलूजी को आज खांसी आयी। 4. आने
लोग चमत्कार यहां देखने लगे। यह चमत्कार देखने लगी आने लोग|
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X.
इनके चलने का तरीका बताइए| उदा: आदमी जमीन पर चलते
हैं। (फुदक, भाग रेंग, तैर, उड़) 1. मछली पानी में तैरती हैं 2. सांप जमीन पर रेंगते हैं 3. जानवर चार पैरों से भागते हैं 4. पक्षी पंखों के सहारे उड़ते हैं 5. मेंढक को फुदक हुए आगे बढ़ते हैं।
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XI.
देखो आप कोयल के बारे में कितना जानते हैं। कोयल एक पक्षी है। उसका रंग काला होता है | वह कौवा
जैसे ही दिखाई देती हैं। वह मीठे स्वर में गाती हैं। वह कोयल वसंत ऋतु में गाते हैं। वह अपने अंडा कौवे के घोसले में देती हैं। केवल गाने से हम कोयल तथा कौए मे
अंतर कर सकती है **************************************************
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पाठ – 3. मेरा देश ,मेरी माँ |
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Ø
ಕನ್ನಡ ಸಾರಾಂಶ |
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शब्दार्था: |
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ಕ್ರಿಸ್ತಶಕ 1965 ಒಂದು ದಿನ ಸಂಜೆ ಎಲ್ಲಾ ಕಡೆಗೂ ಶಾಂತಿಯ ವಾತಾವರಣವಿತ್ತು, ಯಾವುದೇ ಆತಂಕವಿರಲಿಲ್ಲ. ಆ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಶತ್ರುಗಳು ಭಾರತದ ಮೇಲೆ
ಆಕ್ರಮಣ ಮಾಡಿದರು. ಅಚಾನಕ್ಕಾಗಿ ಆದ ಈ ದಾಳಿ ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಯನ್ನು ಚಕಿತಗೊಳಿಸಿತು. ರಜೆ
ಕಳೆಯಲು ಮನೆಗೆ ಹೋದ ಸೈನಿಕರನ್ನು ತುರ್ತು ಮರಳಿ ಬರುವ ಆದೇಶ ಕಳಿಸಲಾಯಿತು. ರಜೆ ಮೇಲಿದ್ದ
ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಯ ಒಬ್ಬ ಮೇಜರ್ ಅವರಿಗೆ ಸೂಚನೆ ಸಿಕ್ಕ ತಕ್ಷಣ ಹೊರಡಲು ಸಿದ್ಧರಾದರು. ತಾಯಿಯ
ಪಾದಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟಿ ನಮಸ್ಕರಿಸಿದರು. ತಾಯಿಯ ಮಮತೆ ಎಚ್ಚರಗೊಂಡಿತು, ಕಣ್ಣಲ್ಲಿ ನೀರು ತುಂಬಿ ಬಂದವು, ಅವಳು
ಮಗನನ್ನು ಎದೆಗೆ ಬಾಚಿತಬ್ಬಿಕೊಂಡಳು. ಮೇಜರ್ ರರಿಗೆ ಗಲ್ಲ ಉಬ್ಬ ತೊಡಗಿದವು (ದುಃಖ ಉಮ್ಮಳಿಸಿ
ಬಂತು) ಕೂಡಲೇ ಭಾರತಮಾತೆಯ ನೆನಪಾಯಿತು. ರಣರಂಗಕ್ಕೆ ಹೊರಡುತ್ತಿದ್ದ ಮಗನ ತಲೆಯ ಮೇಲೆ ಕೈ
ಯಿಟ್ಟು ತಾಯಿಯು ಆಶೀರ್ವಾದ ಮಾಡುತ್ತಾ ಹೀಗೆ ಹೇಳಿದಳು - " ಮಗನೇ, ಇಂತಹ ಸಮಯ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ರಾಷ್ಟ್ರ ರಕ್ಷಣೆಯು ಪ್ರತಿಯೊಬ್ಬ ಭಾರತೀಯರ
ಎಲ್ಲದಕ್ಕಿಂತಲೂ ದೊಡ್ಡ ಕರ್ತವ್ಯವಾಗಿದೆ. ಹೋಗು ದೃಢತೆಯಿಂದ ನಿನ್ನ ಕರ್ತವ್ಯವನ್ನು ಪಾಲಿಸು.
ನೆನಪಿದೆಯಾ - ಭಾರತೀಯ ಸಂಸ್ಕೃತಿ ಎದೆಗೆ
ಗುಂಡು ತಿನ್ನುವುದು ಆಗಿದೆ. ಬೆನ್ನಿ ಗಲ್ಲ." ಎಂದಳು ಯುದ್ಧವು
ಭೀಷಣ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಹರಡತೊಡಗಿತು. ಇಚ್ಚೋಗಿಲ್ ನಾಲೆಯ ಮೋರ್ಚೆಯು ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಗೆ ನಿಯುಕ್ತಿ
ಗೊಳಿಸಿ,
ನಿಲ್ಲಿಸಿದ ತಡೆಗೋಡೆಯಾಗಿತ್ತು. ಪ್ರಶ್ನೆ ಬಂತು - ಆ ಅಭೇದ್ಯ
ಗೋಡೆಯನ್ನು ಒಡೆಯುವ ಜವಾಬ್ದಾರಿ ನಿಭಾಯಿಸುವರು ಯಾರು? ಎಂದು ಈ ಕೆಲಸ
ಸುಲಭವಾಗಿರಲಿಲ್ಲ. ಇದು ಸೀದಾ ಸಾವಿನೊಂದಿಗೆ ಸರಸವಾಡುವದಾಗಿತ್ತು. ವೀರ ನಾದವನು ಸಾವಿಗೆಂದು
ಭಯ ಪಟ್ಟು ನಿಲ್ಲುವುದಿಲ್ಲ. ಆಗಲೇ ಒಬ್ಬ ವೀರ ಇದರ ಜವಾಬ್ದಾರಿ ವಹಿಸಿಕೊಂಡ. ಆತನೆ ಊರಿಂದ ಬಂದ
ಮೇಜರ್ ಆಗಿದ್ದನು. ಸಾವಿಗೆ
ಅಂಜದೆ,
ಆತನು ಆ ಮೋರ್ಚಾ ಸಂಭವಿಸ ತೊಡಗಿದನು. ಹಾಗೆ ಸಾವಕಾಸವಾಗಿ
ಮುನ್ನುಗ್ಗು ತೊಡಗಿದನು. ಎದೆ ಸುಡುವ ಗುಂಡುಗಳ ಶಬ್ದಗಳು ಕಿವಿಯ ತಮಟೆ ಹರಿಯುವ ಪ್ರಯತ್ನ
ಮಾಡುತ್ತಿದ್ದವು. ಮೇಜರರಿಗೆ
ದೇಶಭಕ್ತಿಯ ಹುರುಪು ಆವರಿಸಿಕೊಂಡಿತ್ತು. ಅವಕಾಶಕ್ಕಾಗಿ ಕಾಯಲಿಲ್ಲ, ಅಷ್ಟು ಸಮಯವೂ ಇರಲಿಲ್ಲ. ಅದಕ್ಕಾಗಿ ಅವರು ದಡದಡ ಗುಂಡು
ಹಾರಿಸುತ್ತಾ,
ಶತ್ರುಗಳ ಟ್ಯಾಂಕರ್ ಗಳನ್ನು ದ್ವಂಸ ಗೊಳಿಸುತ್ತಾ ಮುಂದೆ ಸಾಗಿದನು.
ಆಗ ಶತ್ರುಗಳ ಗುಂಡುಗಳು ಒಂದೇ ಸಮಾನ ಶಬ್ದಮಾಡುತ್ತಾ ಬಂದು, ಮೇಜರ್ ನ ಕೈ ಹೊಟ್ಟೆಯೊಳಗೆ ನುಗ್ಗಿದವು, ಆದರೆ " ಭಾರತೀಯ ಪರಂಪರೆ ಎದೆಗೆ ಗುಂಡು ತಿನ್ನುವುದು ಆಗಿದೆ, ಬೆನ್ನಿ ಗಲ್ಲ" ಎಂದು ತಾಯಿ ನುಡಿದ ಶಬ್ದಗಳು ಆತನಿಗೆ
ಪ್ರೇರಣೆಯಾಗಿದ್ದವು. ಅವನು ಗಾಯದ ನಡುವೆಯೇ ಮುನ್ನುಗ್ಗು ತೊಡಗಿದ ಗುಂಡುಗಳು ಬಂದು ಆತನ ಎದೆ
ಹೊಕ್ಕವು. ಪರಿಸ್ಥಿತಿಯನ್ನು
ಅರಿತು ಹಿಂದೆ ಬರುವ ಆದೇಶ ಜಾರಿ ಮಾಡಿದರೂ. ಆದ್ರೂ ಮೇಜಾರ್ ರ ಕಾಲುಗಳು ನಿಲ್ಲಲಿಲ್ಲ.
ಶತ್ರುಗಳ ಎಲ್ಲಾ ಟ್ಯಾಂಕರ್ ಗಳನ್ನು ದ್ವಂಸ ಮಾಡಿ, ವಿಜಯಶ್ರೀ ಅನ್ನು ಅಪ್ಪಿಕೊಂಡು ಆತನು ನಿಟ್ಟುಸಿರು ಬಿಟ್ಟನು. ತುರ್ತಾಗಿ
ಅಮೃತಸರದ ಸೈನಿಕ ಆಸ್ಪತ್ರೆಗೆ ಅವರನ್ನು ಕರೆತರಲಾಯಿತು. ಅಷ್ಟೊತ್ತಿಗೆ ಆತನ ಎದೆಯು
ಗುಂಡುಗಳಿಂದ ಸೀಳಿ,
ಸಾಣಿಯ ಆಕಾರ ವಾಗಿತ್ತು. ದುಃಖದಿಂದ ಅಧಿಕಾರಿಗಳು ಕೇಳಿದರು -
" ನಿಮ್ಮ ಕೊನೆಯ ಆಸೆ ಏನಾದರೂ ಇದೆಯಾ? " ಗುಂಡುಗಳು ಗುಂಡುಗಳು ಎದೆಯೊಳಗೆ ಅಳಕುತಿದ್ದರೂ. ಮೇಜರ್
ಮುಖದಲ್ಲಿ ಮುಗುಳ್ನಗೆ ತಂದು ಹೇಳಿದನು. " ಹೌದು ಇದೆ, ನಮ್ಮ ತಾಯಿಯವರಿಗೆ ಸಂದೇಶ ಕಳುಹಿಸಬೇಕು. ನಿಮ್ಮ ಮಗ ಗುಂಡು ಎದೆಗೆ
ತಿಂದಿದ್ದಾನೆ,
ಬೆನ್ನಿ ಗಲ್ಲ" ಎಂದು . ನಿಮಗೆ
ಗೊತ್ತೇ ಮಕ್ಕಳೇ?
ಆ ಬಹದ್ದೂರ್ ಯಾರು ಎಂದು? ಅವರೇ ಭಾರತೀಯ ಸೇನೆಯ ಆಫೀಸರ್ ಮೇಜರ್ ಆಶಾರಾಮ್ ತ್ಯಾಗಿಯವರು. ಅವರು
ತಾಯಿಯ ವಚನಗಳನ್ನು ಪಾದ ಪಾಲನೆ ಮಾಡುತ್ತಾ. ನಮ್ಮ ಮಾತೃಭೂಮಿಯ ರಕ್ಷಣೆಗಾಗಿ ತಮ್ಮ ಪ್ರಾಣವನ್ನೇ
ಬಾಜಿ ಕಟ್ಟಿದರು. ದೀಪ ಆರಿತು, ಆದರೆ ಅವರ ಜ್ಯೋತಿ ಯುಗ-ಯುಗಗಳ ವರೆಗೆ ದೇಶಭಕ್ತರಿಗೆ ಮಾರ್ಗವಾಗಿ
ಇರುವುದು. |
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हमला – आक्रमण, ದಾಳಿ, ·
आशंका - ಆತಂಕ ·
चौंका देना – चकित करना, विशमित करना, ಆಘಾತಕೊಳಗಾಗು,
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ममत्व – ममता, ಮಮತೆ, ·
रुँद जाना – गदगद होना, ದು:ಖ ·
अभेदया – जीसीको तोड़ा न जाए ಯಾರಿಂದಲು ಒಡೆಯಲಾಗದ ·
जूझना – लड़ना, ಹೊರಾಡುವದು. ·
दायित्व – ज़िम्मेदारी ಜವಾಬ್ದಾರಿ. ·
मौत – मरण, ಸಾವು ·
संभालना – भार ऊपर लेना, ಜವಾಬ್ದಾರಿ ಹೊತ್ತುಕೊಳ್ಳುವದು ·
दिल दहलाना- भयभीत करना, ಭಯಾನಕ ·
इंतजार – प्रतीक्षा, राह देखना, ದಾರಿ ಕಾಯುವದು ·
द्वास्त – नाशा, ಹಾಳು
टिप्पणी: इच्छोगिल नहर :
यहां लाहौर से 14 कि.मी की दूरी
पर है।
आशाराम त्यागी : आशाराम
त्यागी जी भारतीय सेना के मेजर थे। 21 सितंबर 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध में
शहीद हुए। युद्ध उपरांत उन्हें " महावीर चक्र " प्रदान कर सम्मानित
किया गया। |
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I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए| |
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1. भारत पर दुश्मनों ने
कब आक्रमण किया? उत्तर: भारत पर दुश्मनों ने सन
1965 में आक्रमण किया। 2. मेजर को तुरंत किसका
स्मरण हो गया? उत्तर: मेजर को तुरंत ही मातृभूमि
का स्मरण हो गया। 3. भारतीय सेना के लिए
किस नहर का क्षेत्र चुनौती की दीवार बना खड़ा था? उत्तर: भारतीय सेना के लिए जो गिल
नहर का मोर्चा चुनौती दीवार बन खड़ा था। 4. इच्छोगिल नहर को
तोड़ने के लिए कौन तैयार थे? उत्तर: इच्छोगिल तोड़ने के लिए
गांव से आए हुए मेजर ने तैयार थे। 5. मेजर ने किस की
परवाह नहीं करते हुए मोर्चा को संभाला? उत्तर: मेजर ने मौत की परवाह नहीं
करते हुए मोर्चा को संभाला। 6.मेजर ने अधिकारियों से क्या कहा? हां
है मेरी मां तक संदेश पहुंच देना। तुम्हारी बेटी ने गोलियां सीने पर काई है पीठ
पर नहीं। 7. मेजर आशाराम त्यागी ने मातृभूमि की रक्षा मे किसकी बाजी लगा दी ? मेजर
आशाराम त्यागी ने मातृभूमि की रक्षा मे जान की
बाजी लगा दी? 8. मेजर आशाराम त्यागी ने किसे दिये हुए वचनों का पालन किया? उत्तर: मेजर आशाराम त्यागी ने
किसे दिए हुए वचनों का पालन किया? |
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II. दो - तीन वाक्य में उत्तर लिखिए: |
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1. सैनिकों को तुरंत
वापस आने का आदेश अचानक क्यों दिया गया? उत्तर:- सन 1965 में चारों तरफ
शांति का वातावरण पहला हुआ था। अचानक वातावरण बदल गया। भारत पर दुश्मनों ने हमला
कर दिया। जिससे छुट्टियां बिताने गए सैनिकों को तुरंत वापस आने का आदेश दिया
गया। 2. युद्धभूमि जाने से
पहले मेजर ने जब मां को प्रणाम किया तब दोनों की स्थिति कैसी थी। उत्तर:- युद्धभूमि को जाते हुए
मेजर ने जब मां के प्रणाम किया, तो सिर पर हाथ रख आशीर्वाद
देती हुई मां ने कहा - 'बेटे इस समय राष्ट्र रक्षा ही
प्रत्येक भारतीय का सबसे बड़ा कर्तव्य है। जाओ और दृढ़ता से अपने कर्तव्य का
पालन करो.' मेजर का गला रुद गया और मातृभूमि का स्मरण हो
गया। 3. युद्ध भूमि को जाते
हुए पुत्र के सिर पर हाथ रखकर मां ने क्या आशीर्वाद दिए? उत्तर:- युद्ध भूमि को जाते हुए
पुत्र के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए मां ने कहा - ' बेटे इस समय प्रत्येक भारतीय को राष्ट्र रक्षा करना ही सबसे बड़ा
कर्तव्य है। जाओ और दृढ़ता से अपने कर्तव्य का पालन करो। याद रहे, भारतीय परंपरा सीने पर गोली खाने की है, पीठ पर
नहीं।" 4. अमृतसर के अस्पताल
में मेजर को अंतिम शब्द क्या थे? उत्तर:- अमृतसर के अस्पताल में
मेजर के अंतिम शब्द हैं। हां है मेरी मां तक संदेश पहुंच देना। तुम्हारी बेटी ने
गोलियां सीने पर काई है पीठ पर नहीं। 5. मेजर आशाराम त्यागी
की युद्ध कुशलता के बारे में आप क्या जानते हैं| अपने शब्दों में लिखिए| उत्तर:- मेजर आशाराम त्यागी को
पता था कि इचछोगील नाहर का मोर्चा भारतीय सेना के लिए एक चुनौती है। अपनी युद्ध
कुशलता का परिचय देते हुए मौत की परवाह किए बिना मेजर ने मोर्चा संभाल लिया। इन
पर देशभक्ति का जोश छाया हुआ था। वी
धड़ाधड़ गोलीबारी करते हुए दुश्मनों के टैंकों को ध्वस्त करते हुए आगे बढ़ रहे
थे। सभी दुश्मन की कई गोलियां एक साथ
सनसनाती हुई उनके हाथ व पेट में घुस गई।
स्थिति को समझते हुए सेना को पीछे हटाने का आदेश जारी किया, परमेश्वर के कदम नहीं रुके, दुश्मन के सभी टांगों
को दोस्त कर, विजयश्री गले लगाकर ही उन्होंने दम लिया। |
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III. उदाहरण के अनुसार विरुद्धार्थी
शब्द लिखिए विलोम शब्द लिखिए। अच्छा × बुरा आगे
×
पीछे दोस्तों × दुश्मन भेद्या × अभेद्य IV.
उदाहरण के अनुसार स्त्रीलिंग एकवचन के बहुवचन रूप लिखिए: ' ई ' की जगह ' इयां ' लिखने से
स्त्रीलिंग एकवचन का बहुवचन रूप बनता है बदलते रूप को समझाइए। छुट्टी -
छुट्टियां गोली - गोलियां रोटी - रोटियां लाठी- लाठियां जिम्मेदारी - जिम्मेदारियां |
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V. नमूने के अनुसार शब्द बनाइए उदा: मालिक - मालकिन धोबी - धोबिन बाघ - बाघिन माली - मालिन साथी – साथीन तेली – तेलीन VI. नमूने के अनुसार अन्य वचन शब्द
बनाइए। उदा: परीक्षा - परीक्षाएं माला - माला शाखा - शाखाएं कविता - कविताएं पत्रिका - पत्रिकाएं रेखा -
रेखाएं |
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VII.
इन शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए। उदा: दीवार - दीवार का रंग सफेद है। छुट्टी- मेजर छुट्टी बिताने अपने
घर गए। वातावरण- मेरे गांव में हर तरफ
शांति का वातावरण था। प्रणाम- मां के पैर छूकर प्रणाम
किया। आसान- हिंदी सीखना आसान था। गोली- मेजर के पेट क्या हाथ को गोली
घुस गई। अस्पताल – कल शाम भुकार से अस्पताल
गया था |
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VIII. वचनों का पालन किया?कन्नड़
या अंग्रेजी में अनुवाद कीजिए। राष्ट्र रक्षा करना हमारा सबसे
बड़ा कर्तव्य है। ರಾಷ್ಟ್ರ ಕಣೆ
ಮಾಡುವುದು ನಮ್ಮೆಲ್ಲರ ದೊಡ್ಡ ಕರ್ತವ್ಯ Protecting our country is ours foremost
duty.
भारतीय परंपरा सीने पर गोली खाने
की हैं,
पीठ पर नहीं। ಭಾರತೀಯರು
ಪರಂಪರೆ ಗುಂಡಿಗೆ ಎದೆಯೊಡ್ಡುವ ರಿ ಹೊರತು, ಬೆನ್ನಿ ಗಲ್ಲ. Indian traditions is facing bullet on chest,
not on the back.
युद्ध भीषण रूप से फैलता जा रहा
था। ಯುದ್ಧ
ಭೀಕರವಾದ ಸ್ವರೂಪ ತಾಳುತ್ತಿತ್ತು. War was spreading dangerously.
मेजर पर देशभक्ति का जोश पूरी तरह
छाया हुआ था ಮೇಜರ್ ನನ್ನು
ದೇಶಭಕ್ತಿಯ ಉತ್ಸಾಹವು ಸಂಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಆವರಿಸಿತ್ತು. Major was filled with perfect fervour.
गोलियां आ-आ कर उनके सीने में
घुसती रही। Bullet square coming and hitting his chest
continuously ಗುಂಡುಗಳು
ಒಂದೇಸಮನೆ ಆತನ ಎದೆಯಲ್ಲಿ ತೋರುತ್ತಿದ್ದವು.
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English midium class
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