कविता
का नाम : कोशिश करनेवालों भी की हार नहीं होती
कवि
का नाम : सोहनलाल द्विवेदी April 2020 Sept 2020
असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो ।
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोडकर मत भागो तुम ।
कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,
कोशीश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।
- सोहनलाल द्विवेदी
I. एक वाक्य में उत्तर
लिखिए:
1.किससे डरकर नौका पार नहीं होती ?
उत्तर: लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती।
2. किनकी हार नहीं होती
है ?
उत्तर: कोशिश करनेवालों की हार नहीं होती है
3. दाना लेकर कौन चलती है ?
उत्तर:
नन्हीं चींटी दाना लेकर चलती है।
4. चींटी कहाँ चढती है?
उत्तर: चींटी दीवारों पर चढती है।
5. किसकी मेहनत बेकार
नहीं होती ?
उत्तर: चींटी की मेहनत बेकार नहीं होती।
6. सागर में डुबकियाँ कौन लगाता है ?
उत्तर: सागर में गोताखोर डुबकियाँ लगाता है
7. मोती कहाँ मिलता है?
उत्तर: मोती सागर में मोती गहरे मिलता है ।
8. किसकी मुटठी खाली
नहीं होती ?
उत्तर: प्रयास (कोशिश) करनेवालों की मुटठी खाली नहीं होती
9. किसको मैदान छोडकर
भागना नहीं चाहिए ?
उत्तर: संघर्ष करनेवालों को मैदान छोडकर भागना नहीं चाहिए
10. कुछ किए बिना ही क्या
नहीं होती है ?
उत्तर: कुछ किए बिना ही जयजयकार नहीं होती।
II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए:
1. चीटी के बारे में कवि
क्या कहते है ?
उत्तर: चींटी जब दाना लेकर चलती है तो दीवार पर चढ़ते हुए सौ बार
फिसलती है। लेकिन फिर भी वह हार नहीं मानती। आखिर में वह सफल होती है।
2. गोताखोर के बारे में
कवि के विचार क्या है ?
उत्तर: गोताखोर कई बार डुबकियाँ लगाने पर भी खाली हाथ लौट आता है।
लेकिन उसका उत्साह दुगना हो जाता है। उसकी मुट्ठी में मोती अवश्य आते हैं।
3. असफलता से सफलता की
ओर जाने के बारे में कवि क्या कहते है ?
उत्तर: असफलता से सफलता की ओर जानेवाले के बारे में कवि का यह कहना है कि असफलता एक चुनौती है उसे स्वीकार करें । साहस और विश्वास के साथ उसका सामना करें । जब तक सफलता हासिल न हो तब तक कोशिश करनी चाहिए ।
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