Saturday, January 8, 2022

पाठ 9 ईमानदारों के सम्मेलन में

I. एक वाख्यों मे उत्तर लिखिए  :

 1.       प्रस्तुत कहानी के लेखक कौन हैं ?

उत्तर :- प्रस्तुत कहानी के लेखक हरिशंकर परसाई हैं ।

2.       लेखक दूसरे दर्जे में क्यों सफर करना चाहते थे ?
उत्तर :- लेखक दूसरे दर्जे में सफर करके पहले दर्जे का किराया वसूलना चाहते थे ।

3.       लेखक की चप्पले किसने पहनी थीं ?
उत्तर :- लेखक की चप्पले ईमानदार डेलिगेट ने पहनी थी ।

4.       स्वागत समिति के मंत्री किसको डाँटने लगे ?
उत्तर :- स्वागत समिति के मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे ।

5.       लेखक पहनने के कपड़े कहाँ दबाकर सोये ?
उत्तर :- लेखक पहनने के कपड़े सिरहाने दबाकर सोये ।

6.       सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से किन-किन को प्रेरणा मिल सकती थी ?
उत्तर :- सम्मेलन में लेखक के भाग लेने से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को प्रेरणा मिल सकती थी ।

7.       लेखक को कहाँ ठहराया गया ?
उत्तर :- लेखक को होटेल के एक बडे कमरे में ठहराया गया

8.       सम्मेलन का उद्घाटन कैसे हुआ ?
उत्तर :- सम्मेलन का उद्घाटन शानदार हुआ ।

9.       ब्रीफकेस में क्या था ?
उत्तर :- ब्रीफकेस में कुछ कागज़ात थे ।

10.    लेखक ने धूप का चश्मा कहाँ रखा था ?
उत्तर :- लेखक ने धूप का चश्मा टेबल पर रखा था ।

तीसरे दिन लेखक के कमरे से क्या गायब हो गया था ?
उत्तर :- तीसरे दिन लेखक के कमरे से कम्बल गायब हो गया था |

II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1.लेखक को भेजे गये निमंत्रण पत्र में क्या लिखा गया था ?
उत्तर :- पत्र में लिखा था – “हम लोग इस शहर में एक ईमानदार सम्मेलन कर रहे हैं । आप देश के प्रसिध्द ईमानदार हैं। हमारी प्रार्थना है कि आप इस सम्मेलन का उद्घाटन करें। हम आपको आने-जाने के पहले दर्जे का किराया देंगे तथा आवास, भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करेंगे। आपके आगमन से ईमानदारों तथा उदीयमान ईमानदारों को बड़ी प्रेरणा मिलेगी।
2.
फूल मालाएँ मिलने पर लेखक क्या सोचने लगे ?
उत्तर :- लेखक को लगभग दस बड़ी फूल-मालाएँ पहनायी गयीं । उन्होंने सोचा, आस-पास कोई माली होता तो फूल-मालाएँ भी बेच लेता ।
3.
लेखक ने मंत्री को क्या समझाया ?
उत्तर :- लेखक ने मंत्री को समझाया की -ऐसा हरगिज मत करिये । ईमानदारों के सम्मेलन में पुलिस ईमानदारों की तलाशी ले, यह बड़ी अशोभनीय बात होगी। फिर इतने बड़े सम्मेलन में थोड़ी गड़बड़ी होगी ही।
4.
चप्पलों की चोरी होने पर ईमानदार डेलिगेट ने क्या सुझाव दिया ?
उत्तर :- डेलिगेट ने सुझाव दिया कि –“देखिए, चप्पलें एक जगह नहीं उतारना चिहिए । एक चप्पल यहाँ उतारिये, तो दूसरी दस फीट दूर। तब चप्पलें चोरी नहीं होतीं। एक ही जगह जोड़ी होगी, तो कोई भी पहन लेगा । मैंने ऐसा ही किया था।
5.
लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय क्यों लिया ?
उत्तर :- होटल के कमरों में बहुत ज्यादा चोरियाँ होने लगी थी। अपने पास बची वस्तुओं ओ सुरक्षित रखने के लिए लेखक ने कमरा छोड़कर जाने का निर्णय लिया ।
6.
मुख्य अतिथि की बेईमानी कहाँ दिखाई देती है ?
उत्तर :- मुख्य अतिथि ने ईमानदार डेलिगेट की फटी पुरानी चप्पलें बिना बताए पहन ली थी। इससे पहले वे सोचते थे कि दूसरे दर्जे में यात्रा कर के पहले दर्जे का किराया वसूल कर लिया जाए और स्वागत में पहनायी गयी दस फूल-मालाओं को किसी माली को बेच लेता ।

III. चार-छ: वाक्यों में उत्तर लिखिए :
1. लेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का वर्णन कीजिए ।
उत्तर :- लेखक का धूप का चश्मा कहीं खो गया था। आसपास यह बात हर जगह फैल गई। इस बीच एक सज्जन, लेखक के पास आए और बोले –“बड़ी चोरियाँ हो रही हैं। देखिए, आपका धूप का चश्मा ही चला गया।लेखक ने ध्यान से देखा तो वे सज्जन उनका ही धूप का चश्मा पहने हुए थे ।
2.
मंत्री तथा कार्यकर्ताओं के बीच में क्या वार्तालाप हुआ ?
उत्तर :- मंत्री कार्यकर्ताओं को डाँटने लगे, “तुम लोग क्या करते हो? तुम्हारी ड्यूटी यहाँ हैं। तुम्हारे रहते चोरियाँ हो रही हैं। यह ईमानदार सम्मेलन है । बाहर यह चोरी की बात फैली, तो कितनी बदनामी होगी ?” कार्यकर्ताओं ने कहा, “हम क्या करें ? अगर सम्माननीय डेलिगेट यहाँ-वहाँ जायें, तो क्या हम उन्हें रोक सकते हैं ?” तब मंत्री ने गुस्से से कहा, “मैं पुलिस को बुलाकर यहाँ सबकी तलाशी करवाता हूँ।
3.
सम्मेलन में लेखक के क्या-क्या अनुभव रहे? संक्षेप में लिखिए ।
उत्तर :- सम्मेलन के शानदार उद्घाटन के बाद लेखक की चप्पलों की अदला बदली हो गयी। लेखक ने देखा कि बिस्तर की चादर भी गायब है। अगले दिन उन्होंने देखा कि दो और चादरें होटेल के कमरे से गायब थी। इसी दौरान उनका धूप का चश्मा भी खो गया था। बाद में उन्होंने एक सज्जन व्यक्ति के पास देखा। सम्मेलन के तीसरे दिन उनका कम्बल भी गायब था। अगले दिन लेखक रात को पहनने के कपड़े सिरहाने दबाया और नयीं चप्पलें तथा शेविंग के डिब्बे को बिस्तर के नीचे दबाया। अगले दिन ताला चोरी हो गया। तब लेखक ने तय किया कि जल्दी से उस जगह को खाली करना चाहिए ।

 


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ಬರದ ಬರೆ

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